भगवान विष्णु कल से जाएंगे योग निद्रा में, 4 माह तक नहीं बजेगी शहनाई

भगवान विष्णु कल 6 जुलाई से योग निद्रा में चले जाएंगे और वे चार माह तक शयन करेंगे ऐसे में इन चार माह तक न तो कोई मांगलिक आयोजन होंगे और न ही वैवाहिक। अर्थात चार माह तक शहनाई की गूंज नहीं सुनाई देगी।
दरअसल 6 जुलाई को देव शयनी एकादशी है और जब तक देव उठनी एकादशी नहीं आएगी तब तक मांगलिक या अन्य शुभ कार्य नहीं होंगे। हिंदू धर्म में आषाढ़ मास की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को मनाई जाने वाली देवशयनी एकादशी अत्यंत पावन मानी जाती है।
इस वर्ष यह एकादशी 6 जुलाई 2025 रविवार को मनाई जाएगी। इसे पद्मा एकादशी, हरिशयनी एकादशी और आषाढ़ी एकादशी के नाम से भी जानते हैं। मान्यता है कि इस दिन से भगवान विष्णु क्षीर सागर में योगनिद्रा में चले जाते हैं। वह चार माह बाद देवउठनी एकादशी को जागते हैं। इसी के साथ चातुर्मास का भी शुभारंभ होता है, जिसमें सभी शुभ कार्यों और वैवाहिक कार्यक्रमों पर रोक लग जाती है। देवशयनी एकादशी विशेष रूप से भगवान विष्णु के भक्तों और वैष्णव परंपरा से जुड़े लोगों के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है। यह पर्व जगन्नाथ रथ यात्रा के बाद आता है और इसे आध्यात्मिक आत्मशुद्धि का समय माना जाता है।
साधना, भक्ति और व्रत का काल
चार महीने तक चलने वाला चातुर्मास, साधना, भक्ति और व्रत का काल होता है। इस दिन व्रत रखने वाले श्रद्धालु विष्णु सहस्रनाम का जाप करते हैं। भगवान विष्णु की पूजा करके उनसे जीवन के कल्याण की कामना करते हैं।